भाजपा विधायक दल ने सुक्खू सरकार द्वारा लाए गए विधेयक भू संपदा (विनिमयन और विकास) हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉक आउट किया।
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार न तो संविधान को मानती है और न ही सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को महत्व देती है। इसलिए सरकार आज यह ऐसा कानून लेकर आई है जो रेरा चीफ की नियुक्ति में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को समाप्त कर दे।
सरकार को न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर भी भरोसा नहीं है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इस पर सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने हर बार की तरह विपक्ष पर न पढ़कर आने की टिप्पणी की। वह स्वयं कितना पढ़ते हैं और कितने ज्ञानी हैं, वह पूरा देश देख चुका है। हिमाचल प्रदेश 3 साल से उनके पढ़ने लिखने का खामियाजा भुगत रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि 2021 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संवैधानिक पदों की नियुक्ति में न्यायपालिका के अधिकारों को कम करने के प्रयास किए जाएंगे तो वह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होंगे।
दूसरा यह केंद्रीय कानून है जो राज्यपाल महोदय के माध्यम से राष्ट्रपति तक जाएगा, लेकिन केंद्रीय कानून को इस तरीके से बदलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है।
इसके बाद भी सरकारी है बिल लाकर संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है।