हिम टाइम्स – Him Times

मौसम विभाग बता रहा बारिश लेकिन, बरसात में भी सूबे के कई क्षेत्र सूखे जैसी स्थिति में, फसलें चौपट

yellow alert Chances rain snowfall Himachal today

हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग का भारी बारिश का पूर्वानुमान कई क्षेत्रों के लिए अपवाद बन गया है। यह जमीनी स्तर पर कई क्षेत्रों में बारिश नजर नहीं आ रही है। कई क्षेत्रों में फसलें सूख चुकी हैं। सेब की फसल का सही आकार नहीं बन पा रहा है।

यही हालत अन्य फलदार फसलों का है। इसके अलावा राज्य के कई क्षेत्रों में मक्की की फसल सूखे जैसी स्थिति की चपेट में है। कई क्षेत्रों में दलहनी फसलें और सब्जियां भी सूखे जैसी स्थिति से नष्ट होने के कगार पर हैं।

बिलासपुर जिले में अच्छी बारिश न होने से फसलों की वृद्धि पर रोक लग गई है। कुछ क्षेत्रों को छोड़कर जिले के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है।

वीरवार को दावीं घाटी और घुमारवीं में अच्छी बारिश हुई, जिससे किसानों ने इस बारिश से राहत की सांस ली।

इसके अलावा पूरे जिले में किसान बारिश न होने से परेशान हैं। सब्जियों की वृद्धि पर इसका अधिक असर पड़ रहा है। अब मक्की की फसल पर भी बारिश न होने का असर दिख रहा है।

सोलन जिले में सूखे के चलते मक्की, टमाटर, शिमला मिर्च समेत अन्य फसलों का नुकसान हो रहा है। इस मानसून में सिर्फ दो बार ही अच्छी बारिश हुई है।

हालांकि, काफी दिनों से जिले में मौसम खराब चल रहा है। इस बीच उमस भरी गर्मी से फसलों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

सूखे के चलते मक्की की फसल में फॉल आर्मी वार्म कीड़े ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। 15 फीसदी मक्की की फसल खराब हो चुकी है।

जिला सोलन में लगभग 23,500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की खेती की जाती है, जिससे लगभग 58,750 मीट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होता है। इस वर्ष सूखे जैसी स्थिति के चलते फॉल आर्मी वार्म नामक कीड़े के प्रकोप के कारण जिला सोलन में मक्का की खेती करने वाले किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

जिला मंडी में पिछले दो सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। हालांकि इस बीच एक-दो बार बारिश हुई है लेकिन वह नाममात्र ही बारिश हुई है, जिससे गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिली।

पिछले कई दिनों से लोग गर्मी से राहत पाने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश न होने से धान और मक्की की फसलों को भी नुकसान हो रहा है। शनिवार सुबह की शुरुआत धूप से हुई और दोपहर बाद आसमान में बादल छा गए, जो शाम तक मंडराते रहे।

Exit mobile version