हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के मास्टरमाइंड को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया मास्टरमाइंड मिलन गर्ग मुख्य आरोपी सुभाष का सारा काम देखता था।
क्रिप्टो करंसी ठगी मामले की नेटवर्किंग से लेकर वेबसाइट और बाकी का ऑनलाइन काम मिलन गर्ग ही संभालता था। मिलन गर्ग उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
लोगों से करोड़ों रुपए ठगने के बाद मिलन गर्ग भी दुबई चला गया था, लेकिन पुलिस आरोपी पर नजर रखे हुए थी। वहां से वापस आने पर हिमाचल पुलिस की टीम ने आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया और उसे हिमाचल ले आई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी से कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
गौर हो कि क्रिप्टो क्वाइन और अलग-अलग वेबसाइट के जरिए करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया गया है। क्रिप्टों करंसी ठगी मामले में शातिरों ने लोगों को दोगुना रिटर्न का झांसा देकर इन्वेस्ट कराया और बड़ी संख्या में लोग ठगी शिकार हुए हैं।
प्रदेश में करीब एक लाख से अधिक लोगों को ठगा गया है। क्रिप्टो रैकेट में शातिरों ने करीब अढ़ाई लाख आईडी बनाकर क्रिप्टो करंसी के नाम पर प्रदेश की जनता को करोड़ों का चूना लगाया है। क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी के इस स्कैम में करीब एक लाख लोग शामिल बताए जा रहे हैं।
हालांकि ठगी का असल किंगपिन मंडी का सुभाष शर्मा देश छोडकर विदेश भाग चुका है, जिसे एसआईटी वापस लाने की तैयारी में है।
क्रिप्टो करंसी ठगी के इस रैकेट के सरगनाओं ने सबसे पहले नेताओं और बड़े अधिकारियों को ही जाल में फंसाया। उसके बाद धीरे-धीरे ठगों की चेन बढ़ती गई। करोड़ों के इस ठगी मामले में कई पुलिस कर्मी भी शामिल बताए जा रहे हैं।
शातिरों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी बनाई है संपत्ति
क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले शातिरों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी संपत्ति बनाई है। मामले में कई अहम साक्ष्य एसआईटी के हाथ लगे हैं।
शातिरों ने लोगों को ठगने के लिए छह तरह के क्वाइन तैयार किए थे। शातिरों ने कोर्वियो क्वाइन, डीजीटी क्वाइन, फिश टोकन हाइपनेक्सट, बिटपेड-एक, बिटवेड-दो और एडिड फायनांस क्वाइन के झांसे में फंसाकर लोगों को ठगा है।