हिमाचल प्रदेश के पठानकोट-मंडी फोरलेन के कार्य ने हाई-वे की सूरत-सीरत बदल दी है। फोरलेन निर्माण के कारण पठानकोट-मंडी के बीच की दूरी 197 किलोमीटर से घटकर 171 किलोमीटर रह जाएगी।
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इसमें दो रेलवे ओवरब्रिज, तीन फ्लाई ओवर तथा सात सुरंगें बनेंगी, जबकि आठ बाइपास बनेंगे। दो सुरंगे कोटला, एक कांगड़ा, एक परौर, दो पद्धर तथा एक मंडी में बनेगी।
ये सुरंगे डबल होंगी, जिसमें आने व जाने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग लेन होगी तथा प्रत्येक लेन से दो-दो वाहन गुजर सकेंगे।
फोरलेन बनने से पठानकोट से मंडी का सफर कुछ घंटों में तय हो जाएगा। मार्च, 2026 तक फोरलेन का कार्य पूरा होने का लक्ष्य है, जिसको पूरा करने के लिए कंपनी जोरों-शोरों से कार्य कर रही है।
फोरलेन किनारे हरे-हरे पेड़-पौधे रोपित किए जा रहे हैं। फोरलेन बनने से पठानकोट से मंडी तक का सफर काफी रोमांचक व सुहावना भी होगा। हर चौक-चौराहा अब खुला-खुला नजर आ रहा है।
किनारों पर हरे-भरे पौधे लगाए जा रहे हैं। आधुनिक तरीके से बस स्टॉप निर्मित किए जा रहे हैं। इस फोरलेन से गुजरने वाले वाहन कई सुरंगों व बड़े-बड़े पुलों को पार करते हुए गुजरेंगे तथा पर्यटक व अन्य लोग सुहावना सफर का आनंद लेंगे।
मार्च 2026 तक पूरा होगा काम
एनएचएआई के डीजीएम तुषार सिंह ने कहा कि फोरलेन निर्माण का कार्य मार्च, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सुरंगों को आधुनिक तकनीक से भूकंपरोधी बनाया गया है।
सात सुरंगों का निर्माण होगा, जबकि दो रेलवे ओवरब्रिज, तीन फ्लाई ओवर व आठ बाइपास बनेंगे। कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है।
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