शिमला: मनाली की वादियों का दीदार करने वाले पर्यटकों को पंडोह से लेकर हणोगी तक का सफर भी टनलों के माध्यम से करने को मिलेगा। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की पांच टनलों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
सामरिक दृष्टि से अहम किरतपुर-मनाली फोरलेन के सबसे चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट पंडोह बाईपास टकोली जुलाई 2024 तक बनकर तैयार होगा। मनाली की वादियों का दीदार करने वाले पर्यटकों को पंडोह से लेकर हणोगी तक का सफर भी टनलों के माध्यम से करने को मिलेगा।
फिलहाल इस प्रोजेक्ट की पांच टनलों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। जबकि शेष बची पांच टनलों को करीब एक साल में बहाल करने का लक्ष्य तय किया है।
इस प्रोजेक्ट में दयोड़ के पास बन रही दो टनलों का कार्य दिन रात प्रगति पर है। दयोड़ से खोतीनाला तक 2800 मीटर की दो टनलें बन रही हैं।
इनमें एक टनल का ब्रेक थ्रू सितंबर 2023 के अंत तक करने का लक्ष्य है। जबकि दूसरी टनल अक्तूबर तक बनेगी। एक टनल की खोदाई मात्र 100 मीटर और दूसरी की मात्र 270 मीटर रही है।
यह दोनों टनलें खोतीनाला में निकलेंगी। वहां इन्हें दूसरी टनलों के साथ जोड़ने के लिए 54 मीटर की ऊंचाई पर 127.50 मीटर लंबे दो पुल बनाए गए हैं।
खोतीनाला से हणोगी तक 600 मीटर की दो टनलें भी बनकर तैयार हैं। हणोगी के पास 14.5 मीटर की ऊंचाई पर 75 मीटर लंबा पुल बन रहा है। जिसका कार्य चला हुआ है।
वर्तमान में हणोगी से झलोगी तक यातायात को बहाल कर दिया गया है। जिसमें हणोगी से रैंसनाला तक 2200 मीटर की दो टनलें, रैंसनाला में टनलों को आपस में जोड़ने के लिए एक छोटा पुल बनाया गया है।
इसके बाद रैंसनाला से दवाड़ा तक 1800 मीटर की दो टनलें बनाई गई हैं। दवाड़ा के पास 840 मीटर लंबा भव्य फ्लाईओवर बनाया गया है। इसके बाद फिर से 1400 मीटर की टनल बनाई गई है जो झलोगी के पास निकलती है। यह कार्य पूरा हो चुका है।
वर्तमान में थलौट बाईपास का काम चल रहा है।
जिसमें दो 80 मीटर की कट एंड कवर टनल बनकर तैयार हैं। 2800 मीटर की थलौट टनल भी बनकर तैयार है और इसका कार्य भी अंतिम चरण में है। औट के पास 100 मीटर की कट एंड कवर टनल का काम चल रहा है।
यहां 21.5 मीटर की ऊंचाई पर 80.5 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है। जिसका कुछ काम शेष बचा है। उधर, शाहपुरजी पलौनजी कंपनी के टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा ने बताया कि पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट का 75 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है। जुलाई 2024 तक शेष कार्य पूरा कर यह प्रोजेक्ट जनता के लिए चालू किया जाएगा।
पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट का काम चुनौतियों से भरा था। यहां एक तरफ ब्यास नदी बह रही थी तो दूसरी तरफ खड़े पहाड़ों की चुनौती थी।
सभी की मेहनत से प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है। प्रोजेक्ट के बचे हुए भाग को भी जल्द चालू कर दिया जाएगा।-रणजीत कुमार सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, एफकॉन्स