हिम टाइम्स – Him Times

हिमाचली फूलों से महक उठी राजधानी दिल्ली

देश की राजधानी नई दिल्ली हिमाचली फूलों से महक उठी है। गणतंत्र दिवस की प्लेटिनम जुबली के मौके पर हिमाचली फूलों की डिमांड बढ़ गई है।

पूजा-पाठ और देवी-देवताओं को चढऩे वाले नरगिस फूलों को एक्सपोर्टर ने सीधे तौर पर दिल्ली स्टेट को सप्लाई करना शुरू कर दिया है। मौसम और बारिश के कारण इस वर्ष इतनी फसल नहीं है, फिर भी सौंदर्य व सुगंध से भरपूर नरगिस फूल की डिमांड और ज्यादा बढ़ गई है।

प्रदेश के अधिकतर युवा गणतंत्र दिवस में शरीक होने के बहाने हिमाचली फूल नरगिस की वैरायटी के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। चांदनी चौक में कुल्लू के फूल विक्रेता बालमकुंद ठाकुर ने दूरभाष पर बताया कि बाहरी राज्यों के अलावा दिल्ली के नामी-गिरामी लोग नरगिस फूलों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं।

नरगिस फूलों की डिमांड बढऩे के कारण दो रुपए की फूलकली पांच रुपए में बिक रही है। 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस के समारोह के मौके पर हिमाचली फूलों की भारी मांग है।

राजधानी व आसपास के क्षेत्रों में इस किस्म के फूलों को लोग अपने ड्राइंग रूम व बंगले की सुंदरता बढ़ाने के लिए उपयोग करते हैं।

सजावटी फूल उत्पादक एवं हिमाचली फूल विक्रेता बालमकुंद ठाकुर ने बताया कि इस बार वैसे भी नरगिस स्कूल की डिमांड बढऩा स्वाभाविक है, क्योंकि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए इस साल कुल्लू की नाटी मुख्य आकर्षण है।

इसी को देखते हुए फूल सप्लाई करने वाले एक्सपोर्टर्ज ने हिमाचली फूलों की ज्यादा मांग रखी है, ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर उनकी मांग पूरी हो सके।

बता दें कि नरगिस फूल को कुल्लवी बोली में बोदी के रूप में पुकारा जाता है। शुष्क मौसम में जहां अन्य फूलों की वैरायटी की आवक अधिक और बिक्री कम हुई है, वही नरगिस फूलों की मांग दोगुनी हुई है।

प्रदेश के कई जिलों में औषधीय व सुगंधित फूलों की खेती की जा रही है। कई सालों से पुष्प उत्पादकों में अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

भले ही प्रतिवर्ष 26 जनवरी के मौके पर अच्छा रिस्पांस मिल रहा है, परंतु ग्रामीणों को भी फूलों का व्यावसायिक उपयोग होने लगा है।

बहरहाल गणतंत्र दिवस के मौके पर हिमाचली फूलों के नखरे बढ़ गए हैं तथा नई दिल्ली में डिमांड ज्यादा होने के कारण नरगिस फूल नहीं मिल रहे हैं।

उधर, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश की भौगोलिक व जलवायु परिस्थितियां पौधों व सुगंध वाले फूलों के लिए रामबाण हैं।

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