बौद्ध कैलेंडर के मुताबिक लोसर पर्व यानि नए वर्ष पर मुख्य बौद्ध मंदिर मकलोडगंज में पहली बार हिमाचली धाम का आयोजन किया जाएगा। तिब्बती समुदाय का लोसर (नववर्ष) उत्सव शनिवार दस फरवरी से शुरू होने वाला है।
तीन दिवसीय उत्सव का शुभारंभ मकलोडगंज स्थित ला ग्यारी बौद्ध मठ में विशेष पूजा-अर्चना के साथ होगा। तिब्बती कैलेंडर के अनुसार यह 2151वां वर्ष है।
इसके साथ ही लोसर उत्सव को लेकर मुख्य बौद्ध मंदिर मकलोडगंज में 13 फरवरी को स्थानीय व तिब्बती लोगों सहित देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए पहली बार हिमाचली धाम परोसी जाएगी।
तिब्बती समुदाय का नववर्ष (लोसर) को लेकर धर्मशाला व मकलोडगंज के बाजार में खासी रौनक है और तिब्बती समुदाय के लोग घरों को संवारने में जुटे हैं।
इस उपलक्ष्य में तिब्बती समुदाय के लोग पारंपरिक पोशाक पहनकर एक-दूसरे से मिलते हैं, और बधाइयां देते हैं। लोसर को लेकर तिब्बती समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिला।
लोसर के लिए तिब्बती पहले ही अपने अपने घरों में साफ सफाई के साथ रंग-रोगन करवा लेते है। इसके अलावा नववर्ष के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाइयां आदि भी बनाई जाती है।
सेटलमेंट ऑफिसर कुंचॉग मिगमर ने बताया कि उत्सव से पहले केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के कर्मचारियों ने जिलाभर के मुख्य सरकारी कार्यालयों में मिठाई वितरित की। तिब्बती समुदाय के लोग छांग का पहले अपने ईष्ट को भोग लगाते हैं, और उसके बाद स्वयं या रिश्तेदारों में इसका आदान-प्रदान करते हैं।