संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को एक संदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा है कि आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। देश की सबसे बड़ी पंचायत में जनता के मुद्दों पर सार्थक बहस होगी।
अत: सभी सांसदों को इस बात की जानकारी होगी कि हिमाचल प्रदेश भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजऱ रहा है। इस आपदा में लोगों के आशियाने उजड़ गए, जानें चली गईं, जीवन भर की पूंजी और उम्मीदें मलबे में दबने से लोग पीड़ा में हैं।
सीएम ने कहा कि मेरा देश के सभी सम्मानित जनप्रतिनिधियों और लोकसभा एवं राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसदों से आग्रह है कि वे इस सत्र में हिमाचल की आवाज़ बनें।
हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष आपदा राहत पैकेज की मांग करें। साथ ही बार-बार आने वाली आपदाओं के कारण जानने और उसे रोकने के लिए एक ठोस पहल पर भी चर्चा की जाए।
एक राज्य के दु:ख और पीड़ा में होने पर पूरे देश का उसके साथ खड़ा होना ही हमारे लोकतंत्र और मानवता की पहचान है। गौर हो कि वर्तमान में राज्य से चार लोकसभा और तीन राज्यसभा के सांसद हैं और सभी भाजपा के हैं।
हिमाचल को चाहिए बिना शर्तों वाला राहत पैकेज
केंद्र सरकार ने 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के बदले पोस्ट डिजास्टर नीड असेस्मेंट के तहत 2006 करोड़ मंजूर किए हैं, लेकिन इस धनराशि को लेने के लिए कई शर्र्तंे लगाई गई हैं।
पहले राज्य सरकार को उस वक्त हुए नुकसान का प्रोजेक्ट प्रोपोजल भेजना होगा। मुख्यमंत्री का तर्क है कि आपदा प्रभावित लोगों की एकदम मदद करने के लिए राज्य सरकार को ऐसे राहत पैकेज की जरूरत है, जिस पर शर्तें न लगी हों।
उन्होंने यह भी ऑफर किया था कि इस पैकेज के लिए यदि भाजपा नेताओं के साथ उन्हें दिल्ली भी जाना पड़े, तो वह जाने को तैयार हैं।
नदी-नालों, जोखि़म वाली जगहों से दूर ही रहें लोग
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार रात से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं और हालात पर लगातार नजऱ रखी जा रही है। लोगों से सीएम ने आग्रह किया है कि सतर्कता एवं सावधानी बरतें। नदी, नालों या जोखि़म वाली जगहों पर न जाएं। मौसम विभाग तथा प्रशासन द्वारा अन्य सभी निर्देशों का पालन अवश्य करें।