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अढ़ाई वर्षों से टीजीटी कैडर से मुख्य अध्यापकों की नहीं हुई पदोन्नति : सुरेश कौशल

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित टीजीटी अध्यापक संघ ने मुख्य अध्यापकों की पदोन्नति में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की है। प्रदेश प्रधान सुरेश कौशल ने एक बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले अढ़ाई वर्षों से टीजीटी कैडर से मुख्य अध्यापकों की पदोन्नति नहीं हुई है।

टीजीटी संघ के प्रधान श्री सुरेश कौशल

सूची निकालने के बाद भी नहीं मिल रही पदोन्नति
जबकि कई बार विभाग ने साल में दो बार भी सूची निकाली है। स्कूलों में लंबे समय तक स्कूल प्रमुखों के पद खाली रहे तो पढ़ाई और छात्रों की पढ़ाई के साथ साथ उनके विकास में बाधा पड़ सकती है।

चिंताजनक
उन्होंने कहा कि टीजीटी अध्यापकों का 28 वर्ष की सेवा काल में पदोन्नति से वंचित रह जाना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में मुख्याध्यापकों के 300 से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं।

शिक्षा विभाग लटका रहा सूची
पदोन्नति से संबंधित विभागीय पदोन्नति समिति की प्रक्रिया जुलाई महीने में पूरी हो गई है । यह बात समझ नहीं आ रही है कि शिक्षा विभाग पदोन्नति सूची को क्यों लटका रहा है।

25000 से ज्यादा शिक्षक हैं टीजीटी कैडर में
उन्होंने कहा कि टीजीटी कैडर में 25000 से ज्यादा शिक्षक है। यह शिक्षा विभाग की आधारशिला है। उन्होंनें कहा कि टीजीटी कैडर के अध्यापक सह-शैक्षिक गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं तथा अभिभावकों व प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखना एवं विद्यार्थियों के शैक्षणिक और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने का कार्य करते हैं।

मौलिक अधिकारों का है हनन
इसलिए इन अध्यापकों को पदोन्नति से वंचित करना मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू,शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षासचिव से जोरदार मांग की है कि मुख्यध्यापकों की पदोन्नति सूची को शीघ्र जारी किया जाए।

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