राज्यपाल ने किया अंतराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला जिले के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लवी मेले का सांस्कृतिक और व्यापारिक महत्व है और यह राज्य की गौरवशाली परंपराओं का जीवंत प्रतीक है।

राज्यपाल ने किया अंतराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ

उन्होंनें कहा कि यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल व्यापार का उत्सव है, बल्कि एक समृद्ध परंपरा भी है। राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही इस मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि पहले लवी मेले का आयोजन व्यापारियों और स्थानीय समुदायों के बीच आपसी समझ से होता था। आज, यह लोगों की सामूहिक भावना और एकता का प्रतीक बन चुका है।

राज्यपाल ने विभिन्न जिलों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आयोजकों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सव पारंपरिक कला, संगीत और शिल्प को बढ़ावा देने का एक मंच प्रदान करते हैं, जिससे परिवारों और समुदायों को एक सूत्र में पिरोने वाले रीति-रिवाजों और मूल्यों को जीवित रखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं पीढ़ियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और लवी जैसे उत्सव यह सुनिश्चित करते हैं कि यह विरासत युवा पीढ़ी तक पहुंच सके।

शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदेश में नशीले पदार्थों के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यकत करते हुए कहा कि नशे को जड़ से मिटाने के लिए एकजुट प्रयासों का आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अवैध मादक पदार्थों के व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस सामाजिक बुराई को पूरी तरह से जड़ से उखाड़ने के लिए मजबूत सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हमें चिट्टा जैसी लत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, जो परिवारों को बर्बाद कर रही हैं।

राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी बल देते हुए कहा कि अगर हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, तो हिमाचल स्वयं सुरक्षित और समृद्ध रहेगा। उन्होंने दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट पर दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

राज्यपाल शुक्ल ने लवी मेले की पारंपरिक भावना को बनाए रखने और नए आकर्षण जोड़ने के लिए जिला प्रशासन और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंनें कहा कि स्थानीय शिल्प, ऊनी उत्पादों और सूखे मेवों का प्रदर्शन न केवल हिमाचल की सांस्कृतिक संपदा को उजागर करता है, बल्कि कारीगरों और किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के बहुमूल्य अवसर भी प्रदान करता है।

राज्यपाल ने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी शुभारम्भ किया और उनकी पहलों और कल्याणकारी योजनाओं में गहरी रुचि दिखाई।

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