हिम टाइम्स – Him Times

हिमाचल में 1,600 करोड़ रुपये से मजबूत होगा बिजली नेटवर्क

Electricity Network HP

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1,600 करोड़ रुपये से बिजली नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। वाशिंगटन में हुई विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की बैठक में प्रदेश को आगामी पांच साल के कार्यक्रम के लिए यह ऋण राशि मंजूर हुई है।

बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने और जलविद्युत परियोजनाओं में तकनीकी सुधार पर यह राशि खर्च होगी।

यह कार्यक्रम राज्य के भीतर ट्रांसमिशन और 13 शहरों में वितरण स्तर पर विद्युत नेटवर्क सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2023 से 2028 तक पांच वर्षों की है।

कार्यक्रम के लिए अगस्त 2023 से वित्तीय मदद मिलना शुरू होगी। प्रदेश को देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए सुक्खू सरकार की योजनाओं को विश्व बैंक की इस मंजूरी से बल मिला है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए विश्व बैंक 1,600 करोड़ रुपये ऋण देगा। इससे प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने सहित ऊर्जा क्षेत्र के समग्र सुधार में मदद मिलेगी।

प्रदेश की हिस्सेदारी के साथ इस कार्यक्रम की कुल लागत 2,000 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक बोर्ड ने 27 जून, 2023 को वाशिंगटन में इस कार्यक्रम को मंजूरी दी है। समझौता जुलाई में किया जाएगा।

सीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के संसाधनों के उपयोग, पारेषण एवं वितरण के स्तर पर राज्य ग्रिड की विश्वसनीयता और विभिन्न ऊर्जा एजेंसियों की संस्थागत क्षमताओं का उन्नयन किया जाएगा।

ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक योजना के लिए एकीकृत संसाधन योजना को बढ़ावा देने, मांग प्रतिक्रिया प्रबंधन, जल विद्युत परियोजना परिसंपत्तियों के तकनीकी उपयोग में सुधार करते हुए इन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों से एकीकृत करने और राज्य में उत्पादित बिजली की प्रभावी बिक्री के लिए एकल व्यापार डेस्क की स्थापना शामिल है।

इन प्रयासों से बिजली की बिक्री से राजस्व में वृद्धि संभावित है। कार्यक्रम का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिम ऊर्जा से लगभग 200 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन में नई क्षमताएं स्थापित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य के बिजली क्षेत्र पर लागू पर्यावरण और सामाजिक प्रणालियों को मजबूत करेगा।

जलविद्युत में नए निवेश की कार्यक्रम में परिकल्पना नहीं

मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व बैंक समर्थित इस कार्यक्रम के तहत जलविद्युत में कोई नए निवेश की परिकल्पना नहीं की गई है। यह कार्यक्रम राज्य को बिजली क्षेत्र की उपयोगिताओं के लिए समान पर्यावरण और सामाजिक नीति और प्रक्रिया विकसित करने में सहायक होगा।

 

 

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