ऊना जिला के मुबारिकपुर में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाए जाएंगे। इससे जुड़े उद्योग की एक टीम ने वहां जगह के चयन को लेकर दौरा किया है और यह स्थान करीब-करीब फाइनल कर लिया है। उद्योग विभाग के अधिकारियों ने दो-तीन जगहों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाले उद्योगों के लिए जगह देख रखी है, जिनमें से मुबारिकपुर की जगह पसंद आ गई है।
सरकार ने बनाई नीति
प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाए जाने को लेकर सरकार ने एक पालिसी भी बनाई है, ताकि इन उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा रियायतें मिलें और यह लोग हिमाचल में अपना उद्योग धंधा स्थापित कर सकें। इस पालिसी के अनुसार यहां पर जो उद्योग धंधा स्थापित होगा, उसे सबसिडी मिलेगी और इनकी वजह से यहां पर बड़ा रोजगार खुलेगा। रोजगार खुलने के साथ यहां पर इलेक्ट्रिक व्हीकल तैयार करने वाली कंपनियां बाहर भेजने के साथ यहां बेच भी सकेंगी, जिसकी लागत में कुछ फायदा प्रदेश के लोगों को मिल सकता है।
आएगा बड़ा निवेश
प्रदेश में इस तरह के उद्योग धंधे स्थापित होने से बड़ा निवेश आना तय है। माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण करने वाली कंपनी का निवेश यहां पर दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल किया जा सकता है। इस कंपनी के साथ भी सरकार ने एमओयू कर रखा है और इन्वेस्टर मीट के माध्यम से इन्होंने यहां पर निवेश की इच्छा जताई थी। अब इसे धरातल पर उतारने की कोशिशें की जा रही हैं। राज्य के सीमावर्ती कुछ दूसरे क्षेत्रों में भी इस उद्योग के लिए जगह दिखाई गई है, मगर ऊना के मुबारिकपुर को लगभग चुन लिया गया है। सरकार इसके साथ कांगड़ा जिला में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्कों को कलस्टर आधार पर डिवेलप करने की सोच रही है।
एक ही किस्म के उद्योग किए जायेंगे स्थापित
बताया जाता है कि यहां पर एक ही किस्म के उद्योगों को स्थापित किया जाएगा। इसके लिए भी कई कंपनियों से बातचीत चल रही है। कुल मिलाकर हिमाचल में आने वाले सालों में निवेश का आंकड़ा बढ़ेगा, जिसकी रफतार पहले थम गई थी। सरकार द्वारा अलग-अलग उद्योगों के लिए बनाई गई पालिसियों से भी यहां पर निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं।
स्रोत : दिव्य हिमाचल