हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष सेबों की जोरदार पैदावार ने किन्नौर को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सेब उत्पादक क्षेत्रों में से एक बना दिया है।
बागवानी विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के रिकॉर्ड उत्पादन से थोड़ी गिरावट के बावजूद इस साल 33,53,089 सेब पेटियों की पैदावार हुई।
देश भर के 11 प्रमुख सेब बाज़ारों में 12,671 वाहनों के माध्यम से पहुंचाए गए। किन्नौर के कुरकुरे, रसीले और सुगंधित सेबों ने एक बार फिर उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को खुश किया है।
अपनी प्राकृतिक मिठास, अनोखे स्वाद और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जाने जाने वाले किन्नौर के सेबों की तुलना अक्सर यूरोप और अमेरिका की प्रीमियम किस्मों से की जाती है।
बागवानी विभाग के उप निदेशक डॉ. भूपेंद्र नेगी ने बताया कि कल्पा ब्लॉक ने 10,27,673 पेटियों का उत्पादन किया, जबकि निचार ब्लॉक ने 10,96,093 पेटियों का और पूह ब्लॉक ने 12,29,322 पेटियों के साथ सबसे आगे रहा।
सेबों को दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, पिंजौर, सोलन, शिमला, रतनपुर, बिथल, मतियाना, सैंज और खेगसू सहित प्रमुख बाजारों में भेजा गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि प्रसिद्ध किन्नौरी स्वाद भारत के हर कोने तक पहुंचे।
इनमें से दिल्ली को 10 लाख से ज़्यादा पेटियाँ, मुंबई को चार लाख से ज़्यादा और बिथल को 4.8 लाख से ज़्यादा पेटियाँ मिलीं।
अपने कुरकुरेपन, गहरे लाल रंग और खुशबू के लिए प्रसिद्ध किन्नौर के सेब इन बाजारों में अभी भी अच्छी कीमतों पर बिक रहे हैं।
उन्होंने बताया कि चौरा सेब निरीक्षण बैरियर 15 नवंबर को बंद हो जाएगा, जिसके साथ ही परिवहन सीजन का औपचारिक अंत हो जाएगा।




























