हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार 14 मार्च से शुरू हो रहा है, जिसके लिए सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सर्वदलीय बैठक भी करेंगे। तीन महीने पहले बने कांग्रेस की सरकार का यह दूसरा सत्र है, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए यह पहला बजट होगा।
जट सत्र के बहाने सरकार के पास एक मौका है 100 दिन के भीतर किए गए कामों को रिकार्ड पर लाने का। साथ ही अगले पांच साल के लिए कांग्रेस की गारंटियों को देखते हुए क्या दिशा मुख्यमंत्री तय करते हैं, यह भी पहले बजट से ही तय होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए सुख आश्रय स्कीम को पूरी तरह लांच कर चुके हैं और ओल्ड पेंशन को लेकर भी राज्य सरकार कैबिनेट में फैसला ले चुकी है।
इस बारे में हालांकि अभी पेंशन रूल्स और एसओपी नोटिफाई होने का इंतजार है, लेकिन हर महिला को 1500 रुपए, 100000 सरकारी नौकरियां और लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री देने जैसे वादे पूरे करना अभी बाकी हैं।
कांग्रेस सरकार में इन तीन महीनों में पूर्व जयराम सरकार द्वारा अप्रैल से लेकर नवंबर तक खोले गए सरकारी दफ्तरों को बंद करने का फैसला किया है। बजट सत्र से ठीक पहले 19 डिग्री कालेजों को डिनोटिफाई किया है।
करीब 300 स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके खिलाफ भाजपा पहले ही सभी जिलों में प्रदर्शन कर रही है। अब अगले चरण में विधानसभा के भीतर इस विरोध को व्यक्त किया जाएगा।
बजट सत्र के दौरान ही इस मसले पर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बन सकता है। इसके कारण सत्र के दौरान ही भाजपा विधानसभा घेरने का फैसला भी ले सकती है।
बजट सत्र का शेड्यूल जारी
विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से छह अप्रैल तक चलेगा और इसमें 18 बैठकें प्रस्तावित की गई हैं।
पहले से तय शेड्यूल के अनुसार पहले दिन करसोग के पूर्व विधायक मनसाराम के निधन पर शोक उदगार प्रस्ताव आएगा।
17 मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बजट पेश करेंगे और 18 तथा 19 मार्च को अवकाश रहेगा। 20 मार्च से 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी और 27 मार्च को अनुदान मांगों की चर्चा होगी।
29 मार्च को बजट को पारित किया जाएगा। अब तक बजट सत्र के लिए करीब 800 सवाल आ गए हैं। सरकार की तरफ से भी कुछ विधेयक इस बजट सत्र में पारित किए जाएंगे।
आज रणनीति बनाएंगे विधायक
सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा सोमवार शाम को ही अपने विधायक दल की बैठकें करेंगे और बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के बयानों से भी विपक्षी दल भाजपा नाराज हैं।
पठानिया के बयान पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने पलटवार किया था और परमार को पठानिया ने चेतावनी दे दी थी। अब देखना यह होगा कि दोनों विधायक दलों में सोमवार को होने वाली बैठक क्या तय करती है?