हिम टाइम्स – Him Times

हिमाचल में ‘नीली क्रांति’ का आगाज़, विभाग के पास पहुंचा रोहू और अमृत कतला का बीज

सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ फ्रेश वाटर एक्वाकल्चर (आईसीएआर) भुवनेश्वर ओडिशा की ओर से तय मत्स्य विभाग के साथ हुए एमओयू के तहत नई वेरायटी की एएचआर जयंती रोहू और अमृत कतला नामक प्रजाति की मछलियों का पांच हजार बीज हिमाचल के सुपुर्द कर दिया है।

रोहू और कतला मछली

इस बीज से नालागढ़ फिश फार्म में ब्रूडर तैयार किए जाएंगे। बू्रडर को प्रदेश के सभी सात कार्प फार्मों और जलाशयों में डालने के अलावा मत्स्यपालकों को भी उपलब्ध करवाया जाएगा।

हर साल 25 लाख से ज्यादा फिश प्रोडक्शन का अनुमान है। अहम बात यह है कि नई वेरायटी की पुरानी वेरायटी के मुकाबले 20 से 25 प्रतिशत ग्रोथ अधिक है।

मत्स्य विभाग का यह नया प्रयोग निश्चित रूप से हिमाचल में नीलक्रांति को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगा। मत्स्य निदेशालय बिलासपुर में कार्यरत सहायक निदेशक डा. सोम नाथ ने बताया कि सात जून, 2024 को आईसीएआर भुवनेश्वर के आला अधिकारियों के साथ एमओयू साइन हुआ था, जिसके तहत उस ओर से फिश प्रोडक्शन बढ़ोतरी के लिए मछली की दो नई वेरायटी उपलब्ध करवाए जाने पर सहमति बनी थी।

ऐसे में संस्थान की ओर से हिमाचल को एएचआर जयंती रोहू का अढ़ाई हजार, तो वहीं, अमृत कतला प्रजाति की मछली का भी अढ़ाई हजार बीज उपलब्ध करवाया गया है। यह बीज नालागढ़ कार्प फिश फार्म में पहुंच चुका है।

उन्होंने बताया कि इस बीज नालागढ़ फार्म में डाला जाएगा और इस बीज से ब्रूडर तैयार किए जाएंगे, जिन्हें आगे प्रदेश भर के जलाशयों में डाला जाएगा।

इसके साथ ही प्रदेश में कार्यरत विभाग के सभी सात कार्प फार्मों में भी बीज डाला जाएगा, तो वहीं, मत्स्यपालकों को भी यह बीज उपलब्ध करवाया जाएगा।

दरअसल, नई प्रजाति की मछलियों के इंटरड्यूज होने से निश्चित रूप से फिश प्रोडक्शन बढ़ेगी और मत्स्यपालकों को भी लाभ होगा। डा. सोमनाथ के अनुसार पुरानी कार्प प्रजाति की मछली की प्रोडक्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही। इसलिए नई वेरायटी इंटरड्यूज करने के लिए भुवनेश्वर संस्थान के साथ टाइअप किया गया।

उधर, विवेक चंदेल, निदेशक, मत्स्य विभाग ने बताया कि एमओयू के तहत भुवनेश्वर संस्थान की ओर से नई वेरायटी एएचआर जयंती रोहू और अमृत कतला का पांच हजार बीज उपलब्ध करवाया गया है।

यह बीज नालागढ़ फार्म में डाला जाएगा, जिससे ब्रूडर तैयार होंगे। पुरानी कार्प के मुकाबले नई वेरायटी की बीस से पच्चीस फीसदी ग्रोथ अधिक है।

नालागढ़ फार्म में नेशनल ब्रूड बैंक तैयार किया जा रहा है। वहीं गोबिंदसागर झील में इस बार 73 फीसदी फिश प्रोडक्शन अधिक दर्ज की गई है।

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