आपरेशन सिंदूर में वीरता दिखाने वाले शिमला के आर्शवीर सिंह ठाकुर और जोगिन्दरनगर के सतीश कुमार को स्वतंत्रता दिवस पर वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में स्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने वाले ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में अद्वितीय साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया था।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर शिमला जिला के जुब्बल उपमंडल के जखोड़ गांव के निवासी हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर को भारत सरकार द्वारा तीसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
वीर चक्र सम्मान की घोषणा के साथ ही आर्शवीर सिंह ठाकुर अब हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए इस साहसिक मिशन में आर्शवीर सिंह ठाकुर ने भारतीय वायुसेना की ओर से नेतृत्व करते हुए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया।
वह इस ऑपरेशन के लिए वीर चक्र प्राप्त करने वाले अकेले फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्तर के अधिकारी हैं। आर्शवीर सिंह ठाकुर के पिता नरवीर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
वह खुद एक कुशल वॉलीबॉल और क्रिकेट खिलाड़ी व कोच रह चुके हैं। वहीं उनकी माता अमरजीत कौर शिमला में एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं और वॉलीबॉल कोच भी हैं।
इस वीरता और सम्मान पर क्षेत्रवासियों में हर्ष और गर्व का माहौल है। जखोड़ गांव सहित पूरे जुब्बल क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने इसे हिमाचल की शौर्य परंपरा की एक और मिसाल बताया है।
जोगिदरनगर : समस्त जोगिन्दरनगर क्षेत्र के लिए यह बड़े ही हर्ष का विषय है कि जोगिन्दरनगर के नायब सूबेदार सतीश कुमार वीर चक्र से सम्मानित किए गए हैं। यह पूरे जोगिन्दरनगर क्षेत्र के लिए गर्व का पल है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को सबक सिखाने वालों में शामिल जोगिदरनगर की बुहला भड़ियाड़ा पंचायत के समोहली गांव के जम्मू कश्मीर के 4 डोगरा में तैनात नायब सूबेदार सतीश कुमार को ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया है।
भारत सरकार द्वारा उन्हें यह सम्मान ऑपरेशन सिंदूर के तहत अदम्य साहस, वीरता और देशभक्ति को लेकर प्रदान किया गया है।
नायब सूबेदार सतीश कुमार के पिता सूबेदार नंद लाल व माता कृष्णा देवी ने कहा कि बेटे ने देश में उनका नाम रोशन किया है।
सतीश की पत्नी नीतू देवी को इस बात की खुशी है उनके पति इस ऑपरेशन का हिस्सा रहे। बेटी तमन्ना, व बेटे आरुष ने कहा कि उनके पिता ने बेगुनाहगार लोगों की मौत में शामिल उग्रवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करके उनके अंजाम तक पहुंचने में भूमिका निभाई।