आईजीएमसी में मरीज से मारपीट के मामले में डाक्टर की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सैमडीकोट) और रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेगा।
यह मुलाकात शुक्रवार सुबह करीब पौन दस बजे होगी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री के समक्ष डाक्टर की टर्मिनेशन के फैसले पर पुनर्विचार की मांग रखी जाएगी।
सैमडीकोट के जनरल सेक्रेटरी पीयूष कपिल ने कहा कि आईजीएमसी में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन उस समय डाक्टरों को भीड़ के दबाव, गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा था।
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और केवल एक पक्ष पर कार्रवाई करना उचित नहीं है। दूसरी तरफ, आईजीएमसी में गुरुवार को आरडीए और सीएसए द्वारा सैमडीकोट सदस्यों के संज्ञान और समर्थन में एक गेट मीटिंग का आयोजन किया।
इसमें दोनों एसोसिएशनों ने हालिया घटनाक्रम को गंभीर बताते हुए कई अहम मांगें रखीं और भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय लिया। बैठक में प्रमुख रूप से डा.राघव के खिलाफ जारी बर्खास्तगी आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग की गई।
इसके साथ ही आरोप लगाया गया कि नरेश दाष्टा द्वारा डा. राघव को जान लेने की धमकी और उन्हें देश छोडऩे के लिए मजबूर करने की धमकी दी गई। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
एसोसिएशनों ने यह भी बताया कि आईजीएमसी परिसर के भीतर भीड़ द्वारा डराने-धमकाने की घटना सामने आई, जिससे स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और अस्पताल का कार्य वातावरण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।
इस घटना को लेकर भी उपरोक्त धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई। इसके अलावा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर दोषियों के खिलाफ लागू कानूनों के अनुसार तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।
साथ ही आईजीएमसी में सीसीटीवी कवरेज और सुरक्षा व्यवस्थाओं में बताई गई कमियों को लागू न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए, पूरे मामले की व्यापक समीक्षा और जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई।
बैठक के बाद आरडीए ने घोषणा की कि शुक्रवार को एक दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश लिया जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री से सुबह 9.45 बजे मुलाकात प्रस्तावित है।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि तय समय में मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो 27 दिसंबर से 9.30 बजे से हड़ताल शुरू की जाएगी। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोडक़र सभी नियमित सेवाएं, वैकल्पिक ऑपरेशन थिएटर और ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी।
मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भीे समर्थन में उतरी
शिमला। मारपीट प्रकरण के बाद बर्खास्त की गई डाक्टर की सेवाओं की बाद आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भी आ गई है। इन्होंने शुक्रवार को सामूहिक अवकाश की घोषणा कर दी है।
संगठन के अध्यक्ष डा. राजेश राणा और जनरल सेक्रेटरी डा. विकास ठाकुर ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ आईजीएमसी के डाक्टरों के साथ है और उनकी गेट मीटिंग में लिए गए फैसलों का समर्थन करता है।
यदि उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तो 27 दिसंबर 2025 से संगठन भी आपातकालीन सेवाओं को छोडक़र नियमित सेवाएं छोड़ देंगे। वैकल्पिक ऑपरेशन थिएटर और आउट पेशेंट विभाग बंद रहेंगे।
इस संदर्भ में हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी 26 दिसंबर यानी शुक्रवार को एक दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है। आगे की कार्यकारिणी नीति रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की मांगों पर सरकार के फैसले के अनुसार तय की जाएगी।
