सरकार ने छोटी काशी को नगर निगम बनाने के लिए दी मंज़ूरी

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प्रदेश सरकार ने मंडी शहर की वर्षो पुरानी नगर निगम की मांग को हरी झंडी व सैद्धांतिक मंजूरी बेशक दे दी है, लेकिन छोटी काशी को नगर निगम मिलने का तोहफा जनसंख्या के फेर में ही फंसा हुआ है। नगर निगम के लिए नगर परिषद मंडी के अन्य सभी मापदंड खरे उतरे हैं। वार्षिक आय नियमों अनुसार है, लेकिन जनसंख्या की शर्त को पूरा करना ही सबसे बड़ी समस्या है।

हालांकि इस समस्या के हल के लिए प्रशासन ने छोटी काशी को नगर निगम बनाने के लिए दो प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिनसे जनसंख्या की शर्त का हल निकल सकता है। पहले प्रस्ताव के तहत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के प्लानिंग एरिया के हिस्सों को मिलाने के साथ ही आईआईटी कमांद तक के क्षेत्र को नगर निगम में लेने की योजना बनाई गई है।

इसके साथ इसी तरह से दूसरा प्रस्ताव शहर के आसपास के प्लानिंग एरिया वाले ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही गुटकर तक के क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव बनाया गया है। नगर निगम बनाने के लिए कम से कम 50 हजार की जनसंख्या अनिवार्य है। जबकि 2011 की जनसंख्या के अनुसार मंडी शहर में जनसंख्या 26 हजार के आसपास है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ऐसे में 24 हजार की जनसंख्या मंडी नगर निगम में जोड़नी पडे़गी। वहीं आईआईटी कमांद ने भी नगर निगम में शामिल होने की इच्छा जताई है। हालांकि आईआईटी कमांद तक सड़क के साथ लगते क्षेत्रों को 2015 में प्लानिंग एरिया से बाहर किया जा चुका है। ऐसे में इस क्षेत्र को फिर से प्लानिंग एरिया में लेना पडे़गा।

आईआईटी मंडी के नगर निगम में आने से छोटी काशी मंडी को भी इसका फायदा मिलेगा। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों व गुटकर क्षेत्र को शामिल करने पर सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। वहीं डीसी मंडी ऋग्देव ठाकुर ने बताया कि सरकार ने नगर निगम को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

छोटी काशी नगर निगम के लिए बाकी सभी शर्तों को पूरा करती है, सिर्फ जनसंख्या वाला मामला शेष है और किस क्षेत्र को लिया जाना है। इसलिए दो प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।

बता दें कि नगर निगम में कमांद तक सड़क के आसपास के क्षेत्र, तल्याड़, मन्याणा, बाड़ी गुमाणू, बिजणी, मैगल, भ्यूली और तुंग पंचायत के हिस्सों के साथ गुटकर की तरफ को पंचायत क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है।

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